आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 30

पारा-30 78. अन-नबा अल्लाह की नाराज़गी से बचते हुए ज़िंदगी गुज़ारो, कामयाबी परहेज़गारों के लिए है। सरकशी न करो, दोज़ख़ सरकशों की घात में है। क़यामत का दिन तो आकर रहेगा, उसके लिए पूरी तैयारी करो और यहाँ रहते हुए अपने रब के पास अपना अच्छा ठिकाना बना लो । 79. अन-नाज़िआत अल्लाह के सामने सबकी पेशी यक़ीनी है, उस पेशी से डरो, अपनी इस्लाह … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 30

आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 29

पारा-29 67. अल-मुल्क बरकत चाहते हो, अल्लाह से चाहो। वह बरकत वाला है, हर चीज़ का मालिक अल्लाह है । उसने मौत और ज़िन्दगी इसलिए बनाई है ताकि तुम्हारा इम्तिहान करे कि तुम में कौन अच्छे काम करने वाला है। शैतानों के लिए दोज़ख़ का अज़ाब है और शैतान की पैरवी में जो लोग भी रब की बातों का इनकार करें उनके लिए भी दोज़ख़ … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 29

आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 28

पारा 28 58. अल-मुजादिला अल्लाह के बनाये हुए रिश्तों का एहतिराम करो। बीवी को माँ कह देने से बीवी माँ नहीं हो जाती, ऐसी भ्रामक कल्पनाएं ज़ेहन से निकालो। ऐसी झूठी बातों का ईमान से कोई जोड़ नहीं। याद रखो अल्लाह की पाबंदियों को तोड़ना कुफ़्र है और इन पाबंदियों का एहतिराम करना ईमान का तक़ाज़ा है । अल्लाह तुम्हारी सरगोशियों से पूरी तरह आगाह … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 28

आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 27

पारा 27 पिछली क़ौमों के अंजाम से और ज़मीन व आसमान की निशानियों से नसीहत हासिल करो। नबी जब ख़बरदार करे तो होश में आ जाओ और अल्लाह की तरफ़ दौड़ो। अल्लाह के साथ किसी और को बंदगी में शरीक न करो। लोगों की याददिहानी कराते रहो, याददिहानी से ईमान वाले फ़ायदा उठाते हैं। तुम्हारे वुजूद का मक़सद अल्लाह की कामिल बंदगी है इसलिए अल्लाह … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 27

आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 26

पारा-26 46. अल-अहक़ाफ़ सच्चे दिल से कहो हमारा रब अल्लाह है, फिर उस पर जमे रहो और जिन्दगी भर अच्छे काम करो अल्लाह ने यह किताब भेजी है ताकि ज़ुल्म करने वालों को उनके बुरे अंजाम से ख़बरदार कर दे और अच्छे काम करने वालों को अच्छे अंजाम की ख़ुशख़बरी दे दे । अपने माँ-बाप के साथ अच्छे तरीक़े से रहो। तुम्हारे रब ने तुम … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 26

आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 25

 पारा -25 हर हाल में अल्लाह के शुक्रगुज़ार बनकर रहो। अल्लाह जिस हाल में रखे, राज़ी और मुत्मइन (संतुष्ट) रहो। नाशुक्रे लोगों का हाल यह होता है कि हमेशा ख़ुशहाली चाहते हैं, अगर कभी तंगी से दो-चार हो जाएं तो मायूस हो जाते हैं। अल्लाह ख़ुशहाली से नवाज़ता है तो समझते हैं कि यह उनका पैदाइशी हक़ था। फिर इस धोखे में रहते हैं कि … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 25

आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 24

पारा-24 अगर तुम ज़िन्दगी भर गुनाह करते रहे और अपनी जानों पर ज़्यादती करते रहे, तब भी अपने रब की रहमत से मायूस न हो, अल्लाह तो सारे गुनाह माफ़ कर देता है। अब से अल्लाह की तरफ़ लौट आओ और उसके फ़रमाबरदार बन जाओ। तुम्हारे रब ने तुम्हारे पास बेहतरीन किताब भेजी है उसे अपना लो। अब देर न करो वरना जब अल्लाह का … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 24

आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 23

पारा -23 बस्ती वाले मोमिन मर्द से नसीहत हासिल करो जिस शख़्स के दिल में ईमान की शमा रौशन हो जाती है वह चैन से नहीं बैठता, किसी दूरी की परवाह नहीं करता, वह अपनी क़ौम को समझाने के लिए दौड़ पड़ता है। दावत की राह में उसे अपनी जान की फ़िक्र नहीं रहती। लोग उसकी जान लेने पर आमादा होते हैं और वह मरते … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 23

आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 22

पारा-22 ईमान वालियों! दुनिया की ज़िंदगी और उसकी रौनक़ो से धोखा न खाओ। अल्लाह और उसके रसूल की मुहब्बत और आख़िरत की चाह से अपने दिल को आबाद रखो। अच्छी सीरत (किरदार) वालियों के लिए अल्लाह के बेहतरीन अज्र है। जो औरत बेहयाई के काम करेगी, अल्लाह उसे सख़्त सज़ा देगा और जो अल्लाह और उसके रसूल की फ़रमाँबरदार होगी और अच्छी सीरत वाली होगी … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 22

आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 21

पारा -21 अल्लाह ने तुम्हारे पास किताब भेजी है, उसे पढ़ो और पढ़ाओ और नमाज़े अच्छी तरह अदा करो। बेहयाई और बुराई के कामों से दूर रहो। इसके लिए नमाज़ से मदद हासिल करो। अल्लाह की याद बहुत बड़ी चीज़ है। अहले किताब से अच्छे अंदाज़ से गुफ़्तगू करो। जो ज़ुल्म का रास्ता इख़्तियार करें उनसे दूरी रखो। उन्हें बताओ कि हमारा और तुम्हारा रब … Continue reading आज तरावीह में क्या पढ़ा – पारा नंबर 21