क्या भारत में मुसलमानों की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है?

किसी भी देश की जनसंख्या उसकी प्रगति व उन्नति का मूलभूत आधार होती है। देश में यदि जनसंख्या बढ़ती है इसका मतलब है कि देश को ऐसे मज़बूत हाथ मिल रहे है जो आने वाले वक़्त में एक बेहतरीन ह्यूमन रिसोर्स साबित हो सकते हैं। आज हमारे देश की आबादी लगभग 1,439,839,378 हो चुकी है और निरंतर इसमें वृद्धि देखी जा रही है। हालाँकि यह … Continue reading क्या भारत में मुसलमानों की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है?

पितृसत्ता, परिवार और ज़िम्मेदारियाँ

लेखक: मोहम्मद अनीस अगर कोई व्यक्ति आपसे यह कहे कि एक गाड़ी में स्टीयरिंग केवल एक ही क्यों है जबकि पहिए तो कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा जितने चाहें लगा लिए जाएं, अतः इसमें असमानता का भाव है हमें ऐसी सभी कंपनियों का पुरजोर विरोध करना चाहिए, एवं सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों को इसका आदेश देना चाहिए कि वो जितने पहिए गाड़ी में … Continue reading पितृसत्ता, परिवार और ज़िम्मेदारियाँ

ज़कात की अहमियत व मतलब और ज़कात न देने का अंजाम

लेखक: मौलाना सय्यद अबुल आला मौदूदी (पंजाब 1938 ई) ज़कात की अहमियत मुसलमान भाइयो! नमाज़ के बाद इस्लाम का सबसे बड़ा रुक्न ज़कात है। आमतौर पर चूंकि इबादतों के सिलसिले में नमाज़ के बाद रोजे का नाम लिया जाता है, इसलिए लोग यह समझने लगे हैं कि नमाज़ के बाद रोज़े का नम्बर है। मगर कुरआन मजीद से हमें मालूम होता है कि इस्लाम में … Continue reading ज़कात की अहमियत व मतलब और ज़कात न देने का अंजाम

नौजवान रमज़ान की तैयारी कैसे करें? – Ramadan Guide

– जनाब एस. अमीनुल हसन, नई दिल्ली अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह।  अज़ीज़ तलबा और नौजवानों, रमजानुल मुबारक की आमद आमद है।  एक कामयाब स्टूडेंट एग्जाम का सीज़न आने से पहले उसकी तैयारी करता है। उसकी अच्छी प्लानिंग करता है और जिन सब्जेक्ट में उसे मुश्किल पेश आ रही हो उसमें कुछ ज्यादा मेहनत करता है और वो स्टूडेंट जो पहले से तैयारी करते हैं, इम्तिहान के … Continue reading नौजवान रमज़ान की तैयारी कैसे करें? – Ramadan Guide

रमज़ान – एक प्रशिक्षण शिविर – Ramzan – A Training Camp

ईश्वर, अति दयावान, अत्यंत कृपाशील के नाम से ईश्वर की भक्ति में लीन होकर मनुष्य उसके प्रति अपने समर्पण को व्यक्त करने के लिए सदैव से तप और उपवास करता आ रहा है। यही कारण है कि समस्त धर्मों में भक्ति का यह रूप पाया जाता है कि मनुष्य कुछ समय के लिए खान-पान से स्वयं को अलग करके अपने आपको उसकी उपासना में लीन … Continue reading रमज़ान – एक प्रशिक्षण शिविर – Ramzan – A Training Camp

इस्लाम का निष्पक्ष और न्यायसंगत अध्ययन वक़्त की ज़रुरत है

भाइयो ! इस्लाम धर्म का यह दावा है कि वह सारे मनुष्यों के स्वामी परमेश्वर का भेजा हुआ धर्म है और कुरआन ईश्वरीय ग्रन्थ है। उसका यह भी कहना है कि यह कोई नया धर्म नहीं है, बल्कि यह वही धर्म है, परमेश्वर हर देश और हर जाति में अपने पैग़म्बरों, दूतों, सन्देष्टाओं और ऋषियों-मुनियों के द्वारा जिसका ज्ञान कराता रहा है। मनुष्यों ने अपने … Continue reading इस्लाम का निष्पक्ष और न्यायसंगत अध्ययन वक़्त की ज़रुरत है

मौजूदा हालात में मुसलमानों के लिए एक ज़रुरी पैग़ाम – An important message for Muslims in the current situation

यह आर्टिकल अमीर जमाअत इस्लामी हिन्द जनाब सैयद सआदत उल्लाह हुसैनी की एक हालिया तक़रीर से लिया गया है। बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम मोहतरम बुज़ुर्गों और दोस्तों:जैसे जैसे इलेक्शन करीब आ रहे है, हिंदुस्तानी मुसलमानों की मुश्किलात बढ़ती जा रही है। फ़िरक़ापरस्त क़ुवतों बेशर्मी के सरे हुदूद पार कर दिए हैं। मुल्क में नफ़रत और फ़िरक़ापरस्ती को आम करने के लिए अदालती निज़ाम को, ब्यूरोक्रेसी को, … Continue reading मौजूदा हालात में मुसलमानों के लिए एक ज़रुरी पैग़ाम – An important message for Muslims in the current situation

एकेश्वरवाद का मतलब, अहमियत व ज़रुरत

हमें और पूरी कायनात को ईश्वर ने पैदा किया है। उस महान सत्ता ने हमारी ज़रूरत का हर सामान यहाँ उपलब्ध कराया है। हमें इस दुनिया में भेजने का अस्ल उद्देश्य हमारी परीक्षा लेना है। मृत्यु के बाद हमारा स्रष्टा हमें दोबारा पैदा करेगा और हमारे कर्मों के अनुसार हमें स्वर्ग या नरक देगा। पैदा करनेवाली उस सत्ता के बारे में इनसानों की तरह-तरह की … Continue reading एकेश्वरवाद का मतलब, अहमियत व ज़रुरत

एक मोमिन को चाहिए कि बेवज़ह अपने मामलात को अदालतों में न ले जाए

क़ुरआन में सूरह निसा में अल्लाह तआला फ़रमाता है कि: ऐ नबी, तुमने देखा नहीं उन लोगों को जो दावा तो करते हैं कि हम ईमान लाए हैं उस किताब पर जो तुम्हारी तरफ़ नाज़िल की गई है और उन किताबों पर जो तुमसे पहले नाज़िल की गई थीं, मगर चाहते ये हैं कि अपने मामलात का फ़ैसला कराने के लिए तागूत की तरफ़ रुजूअ … Continue reading एक मोमिन को चाहिए कि बेवज़ह अपने मामलात को अदालतों में न ले जाए

सर्व प्रिय धर्म – Most beloved religion

हज़रत इब्न अब्बास (रज़ि०) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से कहा गया : समस्त धर्मों में अल्लाह को सबसे अधिक प्रिय कौन-सा धर्म है ? आपने कहा : “एकनिष्ठता (एक प्रभु का हो रहना) जो अत्यन्त सरल और सहज है। – अहमद, अदबुल मुफ़रद, तबरानी अर्थात अल्लाह का प्रिय धर्म (इस्लाम) जो उसने अपने बन्दों के लिए निर्धारित किया है यह … Continue reading सर्व प्रिय धर्म – Most beloved religion