11. हूद    [ कुल आयतें – 123 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है। Remove Images  अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह एक किताब है जिसकी आयतें पक्की हैं, फिर सविस्तार बयान हुई हैं; उसकी ओर से जो अत्यन्त तत्वदर्शी, पूरी ख़बर रखनेवाला है। (1)     कि “तुम अल्लाह के सिवा किसी की बन्दगी न करो। मैं तो उसकी ओर से तुम्हें सचेत करनेवाला और शुभ सूचना देनेवाला हूँ।” (2)   … Continue reading 11. हूद    [ कुल आयतें – 123 ]

12. यूसुफ़    [ कुल आयतें – 111 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।  अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। ये स्पष्ट किताब की आयतें हैं। (1)     हमने इसे अरबी क़ुरआन के रूप में उतारा है, ताकि तुम समझो। (2)     इस क़ुरआन की तुम्हारी ओर प्रकाशना करके इसके द्वारा हम तुम्हें एक बहुत ही अच्छा बयान सुनाते हैं, यद्यपि इससे पहले तुम बेख़बर थे। (3)     जब … Continue reading 12. यूसुफ़    [ कुल आयतें – 111 ]

13. अर-रअद    [ कुल आयतें – 43 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है। Remove Images  अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰ रा॰। ये किताब की आयतें हैं और जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर अवतरित हुआ है, वह सत्य है, किन्तु अधिकतर लोग मान नहीं रहे हैं।(1)     अल्लाह वह है जिसने आकाशों को बिना सहारे के ऊँचा बनाया जैसा कि तुम उन्हें देखते हो। फिर वह सिंहासन … Continue reading 13. अर-रअद    [ कुल आयतें – 43 ]

14. इबराहीम    [ कुल आयतें – 52 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।  अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह एक किताब है जिसे हमने तुम्हारी ओर अवतरित की है, ताकि तुम मनुष्यों को अँधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले आओ, उनके रब की अनुमति से प्रभुत्वशाली, प्रशंस्य सत्ता, उस अल्लाह के मार्ग की ओर। (1)     जिसका वह सब है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ … Continue reading 14. इबराहीम    [ कुल आयतें – 52 ]

15. अल-हिज्र    [ कुल आयतें – 99 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।   अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह किताब अर्थात स्पष्ट क़ुरआन की आयतें हैं। (1)     ऐसे समय आएँगे जब इनकार करनेवाले कामना करेंगे कि क्या ही अच्छा होता कि हम मुस्लिम (आज्ञाकारी) होते! (2)     छोड़ो उन्हें खाएँ और मज़े उड़ाएँ और (लम्बी) आशा उन्हें भुलावे में डाले रखे। उन्हें जल्द ही मालूम हो जाएगा! … Continue reading 15. अल-हिज्र    [ कुल आयतें – 99 ]

16. अल-नहल    [ कुल आयतें – 128 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।  आ गया आदेश अल्लाह का, तो अब उसके लिए जल्दी न मचाओ। वह महान और उच्च है उस शिर्क से जो वे कर रहे हैं। (1)     वह फ़रिश्तों को अपने हुक्म की रूह (वह्य) के साथ अपने जिस बन्दे पर चाहता है उतारता है कि “सचेत कर दो, मेरे सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। … Continue reading 16. अल-नहल    [ कुल आयतें – 128 ]

17. अल-इसरा    [ कुल आयतें – 111 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।   क्या ही महिमावान है वह जो रातों-रात अपने बन्दे (मुहम्मद) को प्रतिष्ठित मस्जिद (काबा) से दूरवर्ती मस्जिद (अक़्सा) तक ले गया, जिसके चतुर्दिक को हमने बरकत दी, ताकि हम उसे अपनी कुछ निशानियाँ दिखाएँ। निस्संदेह वही सब कुछ सुनता, देखता है। (1)     हमने मूसा को किताब दी थी और उसे इसराईल की सन्तान … Continue reading 17. अल-इसरा    [ कुल आयतें – 111 ]

18. अल-कहफ़    [ कुल आयतें – 110 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।  प्रशंसा अल्लाह के लिए है जिसने अपने बन्दे पर यह किताब अवतरित की और उसमें (अर्थात उस बन्दे में) कोई टेढ़ नहीं रखी, (1)     ठीक और दुरुस्त, ताकि एक कठोर आपदा से सावधान कर दे जो उसकी और से आ पड़ेगी। और मोमिनों को, जो अच्छे कर्म करते हैं, शुभ सूचना दे दे … Continue reading 18. अल-कहफ़    [ कुल आयतें – 110 ]

19. मरयम    [ कुल आयतें – 98 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।   काफ़॰ हा॰ या॰ ऐन॰ साद॰ (1)     वर्णन है तेरे रब की दयालुता का, जो उसने अपने बन्दे ज़करीया पर दर्शाई, (2)     जबकि उसने अपने रब को चुपके से पुकारा। (3)     उसने कहा, “मेरे रब! मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो गईं और सिर बुढ़ापे से भड़क उठा। और मेरे रब! तुझे … Continue reading 19. मरयम    [ कुल आयतें – 98 ]

20. ता-हा    [ कुल आयतें – 135 ]

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।   ता॰ हा॰ (1)     हमने तुमपर यह क़ुरआन इसलिए नहीं उतारा कि तुम मशक़्क़त में पड़ जाओ। (2)     यह तो बस एक अनुस्मृति है, उसके लिए जो डरे, (3)     भली-भाँति अवतरित हुआ है उस सत्ता की ओर से, जिसने पैदा किया है धरती और उच्च आकाशों को। (4)     … Continue reading 20. ता-हा    [ कुल आयतें – 135 ]